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ठण्डा मतलब टायलेट क्लीनर कोल्डड्रिंक

ठंडे पेयों (कोल्डड्रिंक्स) का pH मान 2.4 से लेकर 3.5 तक होता है जो कि एसिड की सबसे तेज सीमा होती है । रसायनिक रूप फार अस्था से हम घरों में जो टायलेट क्लीनर उपयोग में लाते हैं इसका भी pH मान 2.5 से लेकर 3.5 के बीच होता है। सामान्य रूप से पानी का pH मान 7.0 के आसपास होता है, जो कि हमारे पीने के लिए सर्वोत्म है। इसलिए राजीव भाई ने ठंडा मतलब टॉयलेट क्लीनर का मुहावरा दिया । पोटेशियम सोरबेट, सोडियम ग्लूटामेट, कार्बन डाई आक्साईड जैसे जहर इसमें मिलाए जाते हैं । इसके अलावा मेलाथियान, लिण्डेन, डीडीटी जैसे खतरनाक रसायन भी मिलाए जाते हैं। इन कोल्डड्रिंक्स बनाने वाली कम्पनियों ने हमारे राजनेतिक नेतृत्व को खरीदकर जिस तरह से भारतीय बाजार पर कब्जा किया है, वह हम सबके सामने है । संसद के भोजनालय में प्रतिबंधित होने के बाद भी यह पूरे देश में धड़ल्ले से बिक रहे हैं। हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और ठंडे पेयों से बचें। इससे आप आंतों के कैंसर, अपच, एसिडिटी जैसी बिमारीयों से भी बच सकते हैं ।

कोल्डड्रिंक्स में उपलब्ध कीटनाशकों का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव

लिन्डेन का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
लिन्डेन हमारे शरीर में जाने के बाद वसीय उतकों में जमा हो जाता है। यह शरीर के लीवर, किडनी तथा प्रतिरोधक तन्त्र को नष्ट करता है और कैंसर पैदा करता है। मानव शरीर की सभी ग्रन्थियों पर भयंकर दुष्प्रभाव लिन्डेन का होता है।

डी डी टी का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
डी डी टी महिलाओं के बक्षस्थल (स्तन) के कैंसर के लिए मुख्य जिम्मेदार रसायन है। मानव शरीर की सैक्स क्षमता को बहुत कम करने का काम करता है। पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की क्षमता कम करने का कार्य भी यह डी डी टी रसायन करता है।

क्लोरो पायरी फॉस का दुष्प्रभाव
मानव शरीर के तंत्रिका तंत्र, थायराइड ग्रन्थि तथा माँसपेशियों पर भयंकर दुष्प्रभाव इस रसायन का होता है।

मैलाथियान का दुष्प्रभाव
मैलाथियान का दुष्प्रभाव शरीर के सभी अंगो पर पड़ता है। इस रसायन के कारण पक्षाघात (लकवा) का सबसे अधिक खतरा होता है।

कैफीन का दुष्प्रभाव
इस रसायन का शरीर पर काफी बुरा असर होता है। अनिंदा, घबराहट, चिंता, चिड़चिड़ापन, हड्डियों में कमजोरी आदि बिमारीयाँ कैफीन के कारण होती हैं। यदि गर्भवती स्त्रियों के शरीर में कैफीन की मात्रा कुछ अधिक हो जाये तो फिर पैदा होने वाले बच्चें के शरीर में काफी विकृतियाँ हो जाती है।

ठंडे पेयों में मीठापन लाने वाले रसायनों का दुष्प्रभाव
ठंडे पेयों में मीठापन लाने के लिए सैकीन, एस्परटेम का उपयोग किया जाता है। ये दोनों ही रसायन मूत्रपिंड के कैंसर को पैदा करते है। एस्परटेम रसायन से गर्भस्थ शिशु पर बुरा असर पड़ता है।

विशेष: अपने स्वास्थ्य तथा राष्ट्र के आर्थिक सुधार के लिए अपने आस-पास के रेहड़ी वालों से सकंजवी तथा फलों का ताजा रस पीयें ।

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