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चीनी है जहर अमृत है गुड़

चीनी को सफेद जहर कहा जाता है जबकि गुड़ स्वास्थय के लिए अमृत है, क्योंकि गुड़ खाने के बाद यह शरीर में क्षार पैदा करता है जो हमारे पाचन को अच्छा बनाता है। इसीलिए वागभट्ट जी ने खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खाने की सलाह दी है। जबकि चीनी अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। गुड़ को पचाने में
शरीर को यदि 100कैलोरी ऊर्जा लगती है तो चीनी को पचाने में 500 कैलोरी खर्च होती है। गुड़ में कैल्शियम के साथ साथ फास्फोरस भी होता है, यह शरीर के लिए बहुत अच्छा माना जाता है और हड्डियों को बनाने में सहायक होता है । जबकि चीनी को बनाने की प्रक्रिया में इतना अधिक तापमान होता है कि फास्फोरस जल जाता है इसलिए अच्छी सेहत के लिए गुड़ का उपयोग करें ।

गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और कुछ मात्रा में कॉपर नियसिन जैसे स्वास्थ्य वर्धक तत्व होते हैं । आँकड़ो के अनुसार गुड़ में ब्राउन शुगर की अपेक्षा पाँच गुना अधिक और चीनी की अपेक्षा पचास गुना अधिक पोषक तत्व होते हैं। गुड़ की पोषकता शहद के बराबर है । बच्चा पैदा होने के बाद माता को देने से कई बड़ी बीमारियां दूर होती हैं। यह पोषकता की कमी को पूरा करता है । बच्चे के जन्म के 40 दिनों के अन्दर माता के शरीर में बनने वाले सभी रक्त अवरोध को दूर करता है । गुड़ आधे सिर के दर्द से बचाव करता है । स्त्रियों में मासिक धर्म से सम्बन्धित परेशानियों को ठीक करता है।

पुराने – नये गुड़ के गुणः पुराना गुड़ हृदय के लिए हितकर और कफविकारों को ठीक करता हैं। नया गुड़ कफ, सांस, खांसी रोगों को उत्पन्न करने वाला होता है। (अष्टाङ्गहृदयम्, श्लोक संख्या – 48, अध्याय 5, सूत्रस्थानम्)

विशेष :- गुड़ बनने के बाद 90 दिनों से लेकर 1 साल तक ही खाने के लिए उपयोगी होता है। उसके बाद उसका उपयोग औषधि के लिए ही किया जाता है। देशी गुड़ व शक्कर बनाने वाले गाँव-गाँव में गुड़ व शक्कर बनाते हैं । उनसे पास से बिना मसाले का गुड़ लें।

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