महर्षि वाग्भट्ट के नियमानुसार जिस भोजन को पकाते समय सूर्य का प्रकाश व पवन का स्पर्श ना मिले वह भोजन विष के समान है। प्रैशर कुकर में भोजन पकाते समय सूर्य का प्रकाश व पवन का स्पर्श नहीं मिलता। भोजन पकाते समय सूर्य का प्रकाश लेने के लिए बर्तन को बिना ढके भोजन पकाना होगा। बिना ढके पकाने से हवा का दबाव सामान्य रहता है। परिणाम स्वरूप पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं। प्रैशर कुकर के अंदर भोजन पकाते समय हवा का दबाव वातावरण से दुगना हो जाता है व तापमान 120 डिग्री सेण्टीग्रेड तक पहुँच जाता है। राजीव भाई ने प्रैशर कुकर में पकाई दाल का जब परीक्षण कराया तो यह पाया कि 87% पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं व स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं।